अमेरिकी वायुसेना का रहस्यमयी स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी की कक्षा में 780 दिन की परिक्रमा के बाद लौटा
वॉशिंगटन.अमेरिकीवायुसेना का स्पेसक्राफ्टएक्स-37बी रविवार को ऑर्बिटकी 780 दिन की परिक्रमा के बाद पृथ्वी पर लौट आया। यह रहस्यमयी मिलिट्री टेस्ट प्रोग्राम के इतिहास का सबसे लंबा मिशन है। वायुसेना के अनुसार, मानवरहित स्पेस विमान छोटे से अंतरिक्ष यान की तरह दिखता है। इसका इस्तेमाल ऑर्बिट में प्रयोगों के लिए किया जाता है, जिसे फिर से धरती पर जांच के लिए लाया जा सकता है।
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वायुसेना ने इस तरह के प्रयोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। एक बयान में वायुसेना ने केवल यह खुलासा किया कि इस तरह के कार्यक्रम का उद्देश्य स्पेस में चुनौतियों को कम करना और स्पेस टेक्नोलॉजी में इस्तेमाल होने वाले वाहनों को रियूजेबल बनाना है।
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यह पिछले एक दशक में 5वां एक्स-37बी स्पेस प्लेन है, जिसे पृथ्वी की कक्षा में भेजा गया है। ब्रिगेडियर जनरल डॉग सीस ने रविवार को कहा कि हमारी टीम कार्यक्रम की तैयारी में लगी थी। एक्स-37बी की सुरक्षित और सफल लैंडिंग में उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को देखकर मुझे बेहद गर्व हो रहा है।
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वायुसेना ने कहा- एक्स-37बी मिशन ने वायुसेना अनुसंधान प्रयोगशाला (एएफआरएल) के लिए कई प्रयोग किए। एएफआरएल अंतरिक्ष, वायु और साइबरस्पेस सेक्टरों के लिए वॉरफाइटिंग टेक्नोलॉजी विकसित करता है। इसकी वेबसाइट के अनुसार- यह लेजर हथियार विकसित कर रहा है, जिसे विमान पर लगाया जा सकता है।
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विमान एक्स-37बी को नए नेविगेशन सिस्टम का परीक्षण करने के लिए डिजाइन किया गया है। साथ ही वायुमंडल में विमान के प्रवेश और सुरक्षित लैंडिंग के लिए बनाया गया है। वायुसेना के अनुसार, पिछले मिशनों ने नेविगेशन, थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम, ऑटोनोमस ऑर्बिटल फ्लाइट जैसे तकनीकि का परीक्षण किया है।
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एक्स-37बी स्पेसक्राफ्ट करीब 29 फीट लंबाऔर 9.5 फीट चौड़ाहै। इसके पंखे करीब 15 फीट लंबे हैं। इसे स्पेसएक्स फाल्कन-9 रॉकेट से सितंबर 2017 में अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था। वायुसेना ने कहा है कि वह 2020 में छठा एक्स-37बी मिशन शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
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