आईओए के अध्यक्ष ने कहा- ओलिंपिक की तैयारी में खिलाड़ियों को दिक्कत न हो, इसलिए 2-3 हफ्ते में मामला सुलझा लेंगे

आईओए के अध्यक्ष ने कहा- ओलिंपिक की तैयारी में खिलाड़ियों को दिक्कत न हो, इसलिए 2-3 हफ्ते में मामला सुलझा लेंगे
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भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा है कि नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन की मान्यता के मामले को 2-3 हफ्ते में सुलझा लिया जाएगा। इससे अगले साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक की तैयारी में खिलाड़ियों को कोई दिक्कत न हो। उन्होंने कहा, ‘‘मैं खेल मंत्रालय के संबंधित लोगों के संपर्क में हूं। यदि सब कुछ ठीक रहा तो अगले दो से तीन हफ्ते में इन सभी मुद्दों का निपटारा कर लिया जाएगा।’’

खेल फेडरेशन की मान्यता वापस लिए जाने के कारण खेल संघों की फंडिंग बंद हो जाएगी। ऐसे में अक्टूबर से विभिन्न खेलों के शुरू हो रहे ओलिंपिक क्वॉलिफाइंग के लिए टीमों को अपने खर्चे पर भेजना पड़ेगा। लॉकडाउन के बाद कुछ खेलों के शुरू हुए कैंप को कंटिन्यू करने पर भी खतरा मंडरा गया है।

ट्रेनिंग कैंप को लेकर कोई आदेश नहीं
अभी पटियाला एनआईएस में एथलेटिक्स और वेटलिफ्टिंग का कैंप चल रहा है। वेटलिफ्टिंग का कैंप 30 जून तक है। वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी सहदेव यादव ने बताया कि अभी कैंप को आगे बढ़ाए जाने को लेकर कोई आदेश फेडरेशन को नहीं मिला है, लेकिन उम्मीद है कि इसे बढ़ाया जाएगा।

खिलाड़ी भी उलझन में
खेल फेडरेशन की मान्यता रद्द होने के बाद खिलाड़ियों को भी चिंता सता रही है कि खेल संघों की ओर से नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड के लिए जो नामों की सिफारिश की गई है, उसे स्वीकार किया जाएगा या नहीं। हालांकि अभी तक खेल मंत्रालय की ओर से इस पर कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। खेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अभी तक इस पर निर्णय नहीं लिया गया है।

54 खेलों की मान्यता वापस ली
खेल मंत्रालय ने गुरूवार को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद 54 नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन की मान्यता अगले आदेश तक वापस ले ली है। हाईकोर्ट ने बुधवार को एक सुनवाई में कहा था कि खेल मंत्रालय ने 7 फरवरी को दिए आदेश का पालन नहीं किया और कोर्ट को बिना सूचित किए ही खेल संघों को मान्यता देने का निर्णय ले लिया। इससे पहले खेल मंत्रालय ने 31 दिसंबर 2019 तक मान्य 54 राष्ट्रीय खेल संघों की वार्षिक मान्यता 30 सितंबर 2020 तक के लिए बढ़ा दी थी।

चुनाव के बाद भी कई खेलों को मान्यता नहीं मिल पाई थी
मंत्रालय के इस निर्णय से भारतीय तीरंदाजी संघ, पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआई) और रोइंग फेडरेशन जैसे खेल संघ स्पोर्टस कोड के अनुसार चुनाव कराने के बावजूद वार्षिक मान्यता पाने से रह गए थे। जबकि शतरंज और घुड़सवारी संघ विवादों के बावजूद मान्यता पा गए।

मंत्रालय ने बदलाव के दिए थे संकेत
खेल मंत्रालय ने सूची में बदलाव के संकेत दिए थे। चूंकि आर्चरी फेडरेशन ऑफ इंडिया के चुनाव के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा इसके अध्यक्ष बने थे। वहीं पैरालिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया की अध्यक्ष राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित दीपा मलिक बनी थी। लेकिन इनके संघों को मान्यता नहीं मिली थी। इसके अलावा खेल मंत्रालय की जारी सूची में स्कूल गेम्स फेडरेशन के अलावा ताइक्वांडो संघ, जिम्नास्टिक संघ का भी नाम नहीं था। मंत्रालय खेल संघों को मान्यता के बाद ही उसे आर्थिक मदद प्रदान करता है।



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भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा- मैं खेल मंत्रालय के संबंधित लोगों के संपर्क में हूं। मामला जल्द सुलझाया जाएगा। -फाइल फोटो

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