अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच शुरू हुआ युद्ध; दोनों ओर से हवाई और टैंक से हमले, 23 की मौत, 100 से ज्यादा लोग घायल
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अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच रविवार को विवादित इलाके नागोर्नो कारबाख को लेकर एक बार फिर से युद्ध शुरू हो गया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अब तक इस युद्ध में दोनों तरफ के 23 लोगों की मौत हुई है। मरने वाले ज्यादातर आम नागरिक बताए जा रहे हैं। अब तक 100 से ज्यादा लोग घायल हैं।
इस बीच, तुर्की ने युद्ध में अजरबैजान का साथ देने का ऐलान कर दिया है। तुर्की के राष्ट्रपति तुर्की के राष्ट्रपति रेजेप तैयप एर्दोआन ने रविवार को ट्वीट किया, ''मैं और तुर्की के सभी नागरिक अजरबैजान के साथ खड़े हैं। अजरबैजान पर हमला करके अर्मेनिया ने एक बार फिर से साबित किया है कि वह दुनिया के अमन और शांति के लिए घातक है। मैं अर्मेनिया के नागरिकों से कहना चाहूंगा कि वह अपने भविष्य के लिए सरकार का विरोध करें। अर्मेनिया की सरकार आपको पालतू बना रही है।''
रूस ने शांति की अपील की
रूस ने आर्मेनिया और अजरबैजान से शांति की अपील की है। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। लेकिन इसके लिए दोनों देशों को तुरंत युद्ध रोकना होगा। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव युद्धविराम के लिए दोनों पक्षों से बातचीत कर रहे हैं।
अर्मेनिया का दावा, तीन टैंक और दो हेलीकॉप्टर मार गिराए
अर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अजरबैजान के तीन टैंकों और दो हेलीकॉप्टरों को मार गिराया गया है। वहीं, अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने इस दावे को खारिज कर दिया।
क्या है लड़ाई का कारण?
पूर्व सोवियत संघ के इन दोनों देशों के बीच नागोर्नो-कारबाख इलाके को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इंटरनेशनल लेवल पर यह इलाका अजरबैजान का हिस्सा माना जाता है, जबकि अर्मेनिया भी इस पर दावा करता है। 1994 की लड़ाई के बाद से यह इलाका अजरबैजान के नियंत्रण में नहीं है।
इस इलाके में दोनों देशों के सैनिक तैनात हैं। करीब 4,400 किलोमीटर में फैला नागोर्नो-कारबाख का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ी है। पिछले साल जुलाई में भी दोनों देशों के बीच इसको लेकर झड़प हुई थी। इसमें 16 लोगों की मौत हुई थी।
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