पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा- आर्मी अफसरों से दूर रहें पार्टी नेता; फौज को इमरान का स्पॉन्सर बता चुके हैं शरीफ

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा- आर्मी अफसरों से दूर रहें पार्टी नेता; फौज को इमरान का स्पॉन्सर बता चुके हैं शरीफ
https://ift.tt/2FSxOOK

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेताओं को फौज से दूर रहने के लिए कहा है। उन्होंने हाल ही में शुरू किए गए अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया- अगर राष्ट्रीय सुरक्षा या संविधान के मुद्दे पर फौज के साथ मीटिंग करने की जरूरत होती है, तो ऐसा पार्टी लीडरशिप से इजाजत लेकर किया जा सकता है। ऐसी बैठकों को कभी भी सेक्रेट नहीं रखा जाएगा। यह दिशानिर्देश पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक है। यह इसलिए जारी किए गए हैं कि पाकिस्तान की फौज को उनकी शपथ याद दिलाई जा सके।

नवाज शरीफ में कई बार राजनीति में दखल देने के लिए पाकिस्तान आर्मी की आलोचना कर चुके हैं। वे फौज को इमराल का स्पॉन्सर भी बता चुके हैं। हाल ही में आर्मी हेडक्वार्टर में आर्मी अफसरों के साथ विपक्षी नेताओं की बैठक पर भी नाराजगी जाहिर की थी। इस बैठक में नवाज की पार्टी के एक नेता भी शामिल हुए थे, इस पर विवाद जारी है।

नवाज के नेता ने फौज के अफसरों से मुलाकात की थी

नवाज की पार्टी के सीनियर नेता और सिंध के पूर्व राज्यपाल मुहम्मद जुबैर के आर्मी अफसरों की बैठक में शामिल होने की बात सामने आई है। रेल मंत्री शेख राशि ने दावा किया है कि जुबैर ने अगस्त से लेकर अब तक सेना के खुफिया अफसरों से दो बार मुलाकात की है। इसमें उन्होंने नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज के बारे में चर्चा की। इसके साथ ही पीएमएल-एन नेता ख्वाजा आसिफ और अहसान इकबाल भी बैठक में मौजूद रहे।

आर्मी और विपक्ष में टकराव क्यों

विपक्ष ने एक फौज की मदद से सत्ता पाने वाले इमरान खान की सरकार को गिराने के लिए कमर कस ली है। 1 अक्टूबर से तमाम विपक्षी दल आंदोलन शुरू करने वाले हैं। 21 सितंबर को विपक्षी नेताओं की बैठक हुई थी। इसमें आंदोलन की रणनीति तैयार की गई। बुधवार को खुलासा हुआ कि आर्मी और आईएसआई चीफ ने 16 सितंबर को विपक्ष के कुछ नेताओं से मुलाकात की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों अफसर विपक्ष पर आंदोलन रोकने और फौज का नाम न लेने का दबाव बना रहे थे। हालांकि, जाहिर तौर पर यह गिलगित-बाल्टिस्तान को अलग राज्य का दर्जा देने के लिए बुलाई गई मीटिंग थी।

मरियम ने कहा था- सियासी मसले संसद में तय हो

फौज ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा- नवाज की पार्टी के एक सदस्य मदद के लिए आर्मी चीफ से मिलने आए थे। मरियम ने इस बयान में किए गए दावे को नकार दिया। कहा- मेरे परिवार का कोई सदस्य जनरल बाजवा से मिलने नहीं गया। न ही हमने किसी को उनसे मिलने भेजा। इसके कुछ देर बाद मरियम ने फौज पर सीधा निशाना साधा और देश में लोकतंत्र की हिफाजत करने की नसीहत दी। कहा- सियासी मामले संसद में ही तय होने चाहिए। इसके लिए आर्मी हेडक्वॉर्टर नहीं जाना चाहिए।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा है कि अगर फौज के अफसरों के साथ मिलना है तो पहले पार्टी लीडरशिप की इजाजत लेनी होगी।- फाइल फोटो

Comments

Popular posts from this blog

मोहम्मद सिराज के मुरीद सलमान बट:पाकिस्तानी क्रिकेटर ने कहा- सिराज की बॉडी लैंग्वेज और एग्रेशन दूसरे गेंदबाजों से कहीं बेहतर, इससे भारत को मजबूती मिली

क्रिकेट-फुटबॉल के ऑलराउंडर खिलाड़ी:एलिसा-रिचर्ड्स जैसे खिलाड़ी दोनों खेल प्रोफेशनल स्तर पर आजमा चुके हैं

अर्जेंटीना के नोट पर होगी मेसी की तस्वीर:वर्ल्ड कप जीत के बाद सरकार तैयार कर रही है योजना