चिली के अस्पतालों में अंतिम सांस तक कोरोना मरीजों को मिल रहा अपनों का साथ, अस्पताल ने परिवार से मिलवाने के लिए बनाए स्पेशल यूनिट
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कोरोनावायरस की वजह से दुनियाभर में लोगों की मौत हो रही है। अस्पतालों में मरने वाले संक्रमितों के साथ उनके अंतिम समय में कोई भी साथ नहीं होता। हालांकि, चिली में ऐसा नहीं है। यहां के अस्पतालों में कोरोना मरीजों को अंतिम सांस तक अपनों का साथ मिल रहा है। अस्पताल ने परिवार के लोगों के लिए स्पेशल यूनिट बनाए हैं। इन यूनिट्स के जरिए परिवार के लोग संक्रमितों तक अपना आखिरी संदेश पहुंचा सकते हैं।
चीली की आबादी 1.80 करोड़ है। यहां अब तक 3 लाख 40 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। 18 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। फिलहाल संक्रमण के मामले में यह देश दुनिया में सातवें नंबर पर है।
मरीजों को अपनों का साथ
सैंटियागो के बैरोस लूको अस्पताल की डॉक्टर नतालिया ओजेडा के मुताबिक, सब लोग अपने पीछे परिवार छोड़ जाते हैं। हम आखिरी समय में भी मरीजों को अपने साथ होने का एहसास दिला रहे हैं। जब दुनिया के दूसरे देशों में लोग अकेले मर रहे थे, तब इस देश ने मरीजों को अपनों से मिलाने की योजना शुरू की थी। इस अस्पताल में स्पेशल यूनिट बनाने के बाद से 60 लोगों की मौत हुई है। इनमें से आधे से ज्यादा लोगों के परिवार के लोग आखिरी वक्त में मौजूद थे। वहीं बाकी ने वीडियो कॉल के जरिए मरीज से बात की।
टैब के जरिए संदेश पहुंचाते हैं परिवार के लोग
स्पेशल यूनिट में काम करने वाले डॉक्टर्स के पास टैब होते हैं। अगर मरीज की स्थिति ऐसी हो कि परिवार के सदस्य उस तक नहीं जा सकते तो उनका संदेश रिकार्ड कर मरीज तक पहुंचाया जाता है। कई मामलों में मरीज के परिवार के लोग पीपीई किट पहनकर उन तक पहुंचते हैं। आखिरी समय में अपने परिवार की आवाज सुनने के बाद मरीज में किसी न किसी प्रकार की हरकत होती है। वे हाथों को हिलाने या पलकें झपकाने की कोशिश करते हैं। कई बार कोमा में जा चुके मरीजों ने भी ऐसी प्रतिक्रिया दी है।
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