भारत की 10 खेल हस्तियों ने कहा- स्पोर्ट्स इवेंट्स जब दोबारा शुरू होंगे तो कुछ बदलाव जरूर देखने मिलेंगे

भारत की 10 खेल हस्तियों ने कहा- स्पोर्ट्स इवेंट्स जब दोबारा शुरू होंगे तो कुछ बदलाव जरूर देखने मिलेंगे
Dainik Bhaskar
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कोरोनावायरस की वजह से दुनिया थम सी गई है। अजीब सा खालीपन और सन्नाटा है। दो लाख से ज्यादा लोग महामारी से मारे जा चुके हैं। भारत समेत कई देशों में लॉकडाउन और पाबंदियों को एक महीने से ज्यादा हो गया है। बात खेलों की कर लेते हैं। प्लेयर्स भी घर में हैं। उन्हें लंबा ब्रेक मिल गया। लेकिन, सवाल ये कि खेल जब दोबारा शुरू होंगे तो नजारा पहले जैसा होगा? फैन्स आएंगे? स्टेडियम खचाखच भरे होंगे या खाली रहेंगे। खिलाड़ी क्या ऐहतियात बरतेंगे?
इन्हीं या इन जैसे सवालों को इस रिपोर्ट में पिरोया गया है। देश की 10 नामी खेल हस्तियां इन पर अपनी राय दे रही हैं।


सचिन तेंडुलकर (पूर्व क्रिकेटर)
“इसमें कोई शक नहीं कि दुनिया सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है। मुझे लगता है कि खिलाड़ी गेंद चमकाने में थूक के इस्तेमाल से झिझकेंगे। क्योंकि, कुछ वक्त तक उनके दिमाग में दूसरी ही चीजें चलती रहेंगी। हाई फाइव और आपस में गले मिलने से भी दूरी देखने मिल सकती है। खेल जब फिर शुरू होगा तो शायद सोशल डिस्टेंसिंग भी देखने मिले।”

अभिनव बिंद्रा (ओलिंपिक गोल्ड मेडेलिस्ट शूटर)

“खेल दुनिया को जोड़ते हैं। मैं इस बात को बिल्कुल मानता हूं कि खेल जब शुरू होंगे तो कुछ वक्त सेफ्टी प्रोटोकॉल्स फॉलो किए जाएंगे। खिलाड़ी ऐहतियात बरतेंगे। लेकिन, खेलों का आकर्षण कम नहीं होगा। आम लोग भी भी सेहत के प्रति ज्यादा सावधान रहेंगे। वो फिटनेस के लिए खेलों की तरफ जाएंगे। भारतीय खिलाड़ियों के लिए तो यह मौका है कि वो खुद को ज्यादा बेहतर बनाएं।”

बजरंग पूनिया (पहलवान)
“रेसलिंग कॉन्टेक्ट स्पोर्ट है। ये जब भी फिर शुरू होगी तो आप फिजिकल कॉन्टेक्ट से कैसे बचेंगे? मुझे नहीं लगता कि किसी को कोई हिचकिचाहट होगी। इसलिए मैं नहीं मानता कि खेल में कोई बदलाव होंगे। एक बात तय है। जब खेल फिर शुरू होंगे तो मुकाबले काफी मुश्किल होंगे। खिलाड़ियों के इतने लंबे ब्रेक की आदत नहीं होती। खाली वक्त में वो एक-दूसरे की खूबियों और खामियों का विश्लेषण कर रहे होंगे। प्लेयर्स अब ज्यादा तैयार और फ्रेश होकर उतरेंगे।”

एमसी. मेरिकॉम (बॉक्सर)
“हम सब आशा कर रहे हैं कि दुनिया पहले की तरह होगी। कोरोना तो दुश्मन है। बहरहाल, खेल जब फिर शुरू होंगे तो बदलाव नजर आएंगे। मैं भी कॉन्टेक्ट स्पोर्ट्स में हूं। चिंता है कि आगे क्या और कैसे होगा? मैं अपनी ट्रेनिंग कर रही हूं। दर्शक भी आएंगे। लेकिन, एक बात तय है कि सफाई और सुरक्षा बिल्कुल नए अंदाज में होंगे। जब तक वैक्सीन डेवलप नहीं होगा तब तक फिक्र है। यात्रा कम होगी और टूर्नामेंट्स में भी चेंज दिखेगा।”

विजेंदर सिंह (बॉक्सर)
“मुझे लगता है कि अब फैन्स बहुत आसानी से मुकाबले देखने नहीं आएंगे। लेकिन, भारत में कुछ भी हो सकता है। लोग बहुत लंबे वक्त घर में रहे हैं। वो स्टेडियम जाकर मैच देखना चाहेंगे। हां, ये बात सही है कि अब वो ज्यादा सावधान रहेंगे। विदेश में ट्रेनिंग भी अब पहले जैसी आसान नहीं होगी। खिलाड़ियों के बारे में फिलहाल कुछ भी नहीं कहा जा सकता।”

बाईचुंग भूटिया (फुटबॉलर)
“यह टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स वाली दुनिया है। स्टेडियम में दर्शकों की कमी का असर खेलों से होने वाली कमाई पर नहीं पड़ेगा। इसकी कमी टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से पूरी होगी। खेल आयोजन धीरे-धीरे पटरी पर लौटेंगे। जब तक वैक्सीन नहीं आता तब तक लोग कम आएंगे। क्योंकि, फिलहाल खतरा तो रहेगा।”

बी. साई प्रणीत (बैडमिंटन प्लेयर)
“हम काफी सफर करते हैं। लेकिन, अब खेल शुरू होने पर प्लेयर्स चीन या कोरिया और यहां तक कि यूरोपीय देशों में जाने से कतरा सकते हैं। संक्रमण का खतरा कहीं न कहीं दिमाग में जरूर चलता रहेगा। फिर चाहे आप रेस्टोरेंट्स में खाना खा रहे हों या मैच खेल रहे हों। शटल को प्लेयर भी छूते हैं और रेफरी भी। पसीने में शर्ट भी चेंज करनी होती है। जब तक वैक्सीन नहीं आता। चिंता रहेगी। आप लोगों को मास्क लगाए देखेंगे।”

महेश भूपति (टेनिस प्लेयर)
“साफ तौर पर और संक्षेप में कहूं तो खेल नहीं बदलेंगे। जैसे ही कोविड-19 का खतरा टलेगा। खेलों की दुनिया पहले जैसी ही हो जाएगी।”
सरदार सिंह (हॉकी)
“ओलिंपिक के लिहाज से देखें तो प्लेयर्स को तैयारी का अब ज्यादा वक्त मिलेगा। लेकिन, ये भी सही है कि उन्हें नए प्लान बनाने होंगे। खेल जब शुरू होंगे तो आपको यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग देखने मिलेगी। देखना होगा कि बॉक्सिंग, रेसलिंग और हॉकी में क्या बदलाव आएंगे। क्योंकि यहां फिजिकल कॉन्टेक्ट होते हैं।”

डी. हरिका (शतरंज)
“इसमें कोई दो राय नहीं कि खेलों पर कुछ असर पड़ेगा। ट्रैवल को लेकर खासतौर पर। खिलाड़ियों पर भी असर होगा। लेकिन, मुझे भरोसा है कि छह महीने से एक साल में सब पहले जैसा हो जाएगा।”



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सचिन तेंडुलकर के मुताबिक, क्रिकेट जब दोबारा शुरू होगी तो प्लेयर्स गेंद चमकाने के लिए थूक के इस्तेमाल में सहज नहीं होंगे। (फाइल)

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