टीम इंडिया के पूर्व ट्रेनर ने कहा- खेलने का मौका न मिले तो फिटनेस पर काम करना समय की बर्बादी है
Dainik Bhaskar
https://ift.tt/3cOlNo0
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ट्रेनर रामजी श्रीनिवासन का मानना है कि अगर खिलाड़ी नहीं खेलते हैं तो उनकी फिटनेस का मतलब नहीं रह जाता है। बिना खेल के फिटनेस पर काम करना समय की बर्बादी है। 2011 वर्ल्ड कप के दौरान वे टीम इंडिया के स्ट्रेंथ और कंडिशनिंग कोच थे।
रामजी ने कहा- फिटनेस के बाद अगर आप मैदान पर इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो यह बेकार है। एक का दूसरे में सकारात्मक ट्रांसफर ही फिटनेस का आधार है। क्या गेंदबाजों के लिए लॉन्ग ब्रेक मुश्किल हो सकता है। इस पर उन्होंने कहा- गेंदबाजी लय और कौशल आधारित फिटनेस से जुड़ी है। दोनों एक-दूसरे से जुड़े हैं। ऐसे में कौशल आधारित फिटनेस निश्चित तौर पर प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि यह खिलाड़ियों के लिए कठिन समय है, क्योंकि उन्हें टूर्नामेंट शुरू होने से पहले मानसिक और शारीरिक दोनों स्तरों पर काम करना है।
बतौर विकेटकीपर धोनी की जगह लेने का दबाव रहता है
इधर, लोकेश राहुल ने कहा कि विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी की जगह लेने का बहुत दबाव रहता है। पिछले कुछ समय से राहुल बतौर विकेटकीपर खेल रहे हैं। उन्होंने कहा- जब मैं विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी निभा रहा था तो नर्वस था, क्योंकि दर्शकों के कारण आप पर दबाव रहता है। अगर आप चूक जाते हैं तो लोग सोचते हैं कि आप धोनी की जगह नहीं ले सकते। विकेटकीपर के रूप में किसी को स्वीकार करने पर लोगों के दिमाग में यह बात जरूर आती है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Comments
Post a Comment