चेयरमैन बार्कले बोले- यह दोनों देशों का आंतरिक मामला, यदि सीरीज हुई तो खुशी होगी

चेयरमैन बार्कले बोले- यह दोनों देशों का आंतरिक मामला, यदि सीरीज हुई तो खुशी होगी
Dainik Bhaskar
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इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के नए अध्यक्ष जॉन बार्कले ने कहा कि ICC क्रिकेट के पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सीरीज होते देखना चाहता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैं आपको इस बात की गारंटी नहीं दे सकता कि ऐसा वास्तव में होगा।

ICC हर संभव सपोर्ट के लिए तैयार
उन्होंने कहा कि अगर भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेटिंग संबंध पहले की तरह ही बहाल होते हैं, तो इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता। मैं यह भी जनता हूं कि उनके बीच कई सारे जियो-पॉलिटिकल इश्यू हैं, जो हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों की हर संभव सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं, जिससे उनके बीच फिर से द्विपक्षीय सीरीज शुरू हो सके और दोनों देश एक दूसरे के यहां क्रिकेट खेल सकें।

पिछले 13 साल में एक भी टेस्ट नहीं खेले
भारत-पाकिस्तान की घरेलू सीरीज हमेशा से दोनों देशों के राजनीतिक रिश्तों पर निर्भर करती है। दोनों देशों ने पिछले 13 साल से एक भी टेस्ट सीरीज नहीं खेली है। आखिरी बार दोनों के बीच 3 टेस्ट मैचों की सीरीज 2007 में खेली गई थी, जहां पाकिस्तान ने भारत का दौरा किया था। वहीं, भारत ने 14 साल पहले पाकिस्तान का दौरा किया था। दोनों देशों के बीच 2012 में छोटी वनडे और टी-20 सीरीज भारत में 2012 में खेली गई थी।

वर्ल्ड क्रिकेट में भारत के योगदान अहम
बार्कले ने कहा कि आईसीसी को वर्ल्ड क्रिकेट में भारत के योगदान को कम नहीं आंकना चाहिए। 130 करोड़ लोगों और कंपनियों का एक देश वर्ल्ड क्रिकेट को जो वित्तीय सहायता प्रदान करता है, वह अविश्वसनीय है। ऐसा माना जाता है कि भारत में स्थित बहुराष्ट्रीय कंपनियां और स्थानीय कॉरपोरेट प्रायोजन के माध्यम से आईसीसी को वित्तीय रूप से 70% से अधिक का योगदान देते हैं।

बिग थ्री कॉन्सेप्ट के खिलाफ बार्कले
बार्कले ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं बिग थ्री कॉन्सेप्ट को नहीं मानता। मुझे पता है कि 2014 में यह व्यवस्था की गई थी, जिस पर आप विचार कर सकते हैं। कुछ मामलों में 3 देशों के पास अधिक पावर हैं। 2016 में उन्होंने इंग्लैंड को बड़े स्तर पर बदल दिया।

आईसीसी के 'बिग थ्री' के तहत अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले 3 बड़े क्रिकेट बोर्ड को रखा गया था, जिसमें भारत, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया जैसे बड़े देश शामिल थे। इस 'बिग थ्री' फॉमूर्ले की तहत इन तीनों बोर्ड को आईसीसी की कमाई की हिस्सा मिलता था। हालांकि, 2015 में इस फॉर्मूले को आईसीसी के चेयरमैन के रूप में श्रीनिवासन की जगह लेने वाले भारत के शशांक मनोहर ने खत्म कर दिया था।

2020 में इंटरनेशनल रग्बी लीग के अध्यक्ष नियुक्त किए गए
बार्कले पहली बार 2012 में ICC से जुड़े थे। उन्हें न्यूजीलैंड क्रिकेट (NZC) का डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। 2016 में उन्हें NZC का चेयरमैन बनाया गया था। इसके बाद 2020 में वे इंटरनेशनल रग्बी लीग का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था। हालांकि ICC अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अब उन्हें इंटरनेशनल रग्बी लीग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना होगा।



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ICC चेयरमैन जॉन बार्कले पहली बार 2012 में इंटरनेशनल बोर्ड से जुड़े थे। उन्हें न्यूजीलैंड क्रिकेट (NZC) का डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। (फाइल फोटो)

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