डब्ल्यूएचओ ने ग्लोबल इमरजेंसी घोषित की; चीन में मृतकों की संख्या 213, अब तक 9692 मामलों की पुष्टि

डब्ल्यूएचओ ने ग्लोबल इमरजेंसी घोषित की; चीन में मृतकों की संख्या 213, अब तक 9692 मामलों की पुष्टि
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बीजिंग/जेनेवा. चीन में कोरोनावायरस से अब तक मृतकों की संख्या 213 पहुंच चुकी है। चीन के अधिकारियों ने शुक्रवार को घोषणा किया कि 9692 लोगों में कोरोनावायरस की पुष्टि हुई है।हुबई प्रांत में कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा 204 मौत हुई और यहां 5806 मौतें हुई। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार तड़के वैश्विक आपात की घोषणा कर दी। हालांकि उसने चीन की यात्रा करने और किसी भी प्रकार के व्यापार पर रोक की घोषणा नहीं की। इस वायरस से संक्रमित मामलेभारत सहित 20 देशों में पाए गए हैं।

उधर, इटली में एक क्रूज में एक चीनी दंपति की तबीयत खराब होने के कारण उसे रोक दिया गया है। क्रूज के रोके जाने के कारण उसमें सवार 6000 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि कोरोनावायरस के डर से ऐहतियात के तौर पर क्रूज को सिबिटावेकिया में रोक कर रखा गया है।

ग्लोबल इमरजेंसी घोषित करने के मायने-
ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किए जाने के बाद वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर प्रयास तेज कर दिए जाएंगे। इसका प्रसार अधिक देशों में न फैले इसके लिए डब्ल्यूएचओ सभी देशों के साथ समन्वय करेंगे और आगे की रणनीति पर काम करेंगे। डब्ल्यूएचओ ने 2005 में ग्लोबल इमरजेंसी को परिभाषित किया था।डब्ल्यूएचओ ने अब तक छह बार ग्लोबल इमरजेंसी की घोषणा कीहै।2007 में चीन मेंसेवेरे एक्यूट रिस्पाईरेटरी सिंड्रोम के फैलने के बाद पहली बार ग्लोबल इमरजेंसी घोषित की गई थी। इसके बाद 2009 में स्वाइन फ्लू के कारण, 2014 में पोलियो, 2014 और 2019 में इबोला और 2016 में जीका के फैलने के बाद इसकी घोषणा की गई।

भोपाल में एक संदिग्ध मामला दर्ज

भारत में कोरोनावायरस का पहला मामला केरल में पाया गया था। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि केरल की एक छात्रा चीन के वुहान यूनिवर्सिटी से पढ़कर देश लौटी थी। वहीं, भोपाल एम्स में भी एक संदिग्ध मामला पाया गया है। उसे इलाज के लिए एम्स के मेडिसिन डिपार्टमेंट में रखा गया है। उसे तेज बुखार, सर्दी, खांसी की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती कराया गया।

खरगौन के तीन छात्रों ने प्रधानमंत्री से बचानेकी गुहार की

मध्यप्रदेश के खरगौन जिले के तीन छात्र शुभम गुप्ता, मतीन खान और राकेश नायक चीन के शियान हुबेई और हंजू प्रांत में फंसे हुए हैं। तीनों की उम्र 21 वर्ष है। शुभम की मां ने बताया कि उनके बच्चे एक सप्ताह से कमरे में बंद है। वह वहां दो साल से रह रहा है



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हुबई प्रांत में कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा 204 मौत हुई और यहां 5806 मामलों की पुष्टि हुई।

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