नेपाल की संसद में नए नक्शे को संविधान में शामिल करने के लिए बिल पेश, मानचित्र में भारत के 3 इलाकों का जिक्र

नेपाल की संसद में नए नक्शे को संविधान में शामिल करने के लिए बिल पेश, मानचित्र में भारत के 3 इलाकों का जिक्र
https://ift.tt/36MARkz

नेपाल सरकार ने अपने नए मानचित्र को संविधान में शामिल करने के लिए संसद में बिल पेश किया है। इस नए नक्शे में भारत के तीन इलाकों लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा शामिल हैं।विपक्षी पार्टियों ने भी इस मुद्दे पर सरकार को समर्थन देने का वादा किया है।

कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्री शिवमया तुंबांगफे ने प्रतिनिधि सभा में संविधान संशोधन बिल पेश किया। नेपाल अपने कोट-ऑफ-आर्म्स (देश के चिह्न) में नए मानचित्र को शामिल करने जा रहा है, जिसके लिए संविधान की अनुसूची-3 में संशोधन की जरूरत है। बिल पर सदन में विचार-विमर्श होगा। दोनों सदनों से बिल के पास होने के बाद राष्ट्रपति इस पर दस्तखत करेंगे।

10 दिन में बिल पास हो सकता है

नेपाल में आमतौर पर संविधान संशोधन बिल पास होने में एक महीने का समय लग जाता है। सूत्रों के मुताबिक इस बार नेपाली संसद बिल को अगले दस दिनों पास करने की कोशिश करेगी। इसके लिए कई प्रक्रियाओं को दरकिनार भी किया जा सकता है।

नेपाल ने 18 मई को जारी किया था नया मानचित्र
भारत नेलिपुलेख से धारचूलातक सड़क बनाई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने8 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका उद्घाटन किया था, इसके बाद ही नेपाल की सरकार ने विरोध जताते हुए 18 मई को नया मानचित्र जारी किया था। इसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपने क्षेत्र में बताया। 22 मई को संसद में संविधान संशोधन का प्रस्ताव भी दिया था। हाल ही में भारत के सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा था कि नेपाल ने ऐसा किसी और (चीन) के कहने पर किया।

संविधान संशोधन के लिए दो-तिहाई वोट की जरूरत
नेपाल की सरकार को संविधान में संशोधन के लिए दो-तिहाई वोट की जरूरत है। सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी को निचले सदन को निचले सदन से प्रस्ताव पास कराने के लिए 10 सीटों की जरूरत है। इसलिए सरकार को दूसरी पार्टियों को भी मनाना पड़ रहा है।विपक्षी पार्टियों के सहमत होने पर माना जा रहा है कि यह बिल दोनों सदनों सेपास हो जाएगा।

ओली ने राष्ट्रवाद से जोड़कर विपक्षी पार्टियों से समर्थन मांगा
इससे पहले 27 मई को ओली संविधान संशोधन का बिल पेश नहीं कर पाए थे। मधेसी पार्टियों ने बिल पर असहमति जताई थी। इसके बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस मामले को राष्ट्रवाद से जोड़कर समर्थन हासिल करने की मुहिम चलाई। इसके चलते विपक्षी पार्टियों को झुकना पड़ा। उन्होंने इस मामले पर सरकार का समर्थन करने की बात कही है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
भारत ने 8 मई को कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर लिपुलेख-धारचूला को जोड़ने वाले रास्ते का उद्घाटन किया था। इसी को लेकर बाद में नेपाल से विवाद हो गया।

Comments

Popular posts from this blog

मोहम्मद सिराज के मुरीद सलमान बट:पाकिस्तानी क्रिकेटर ने कहा- सिराज की बॉडी लैंग्वेज और एग्रेशन दूसरे गेंदबाजों से कहीं बेहतर, इससे भारत को मजबूती मिली

क्रिकेट-फुटबॉल के ऑलराउंडर खिलाड़ी:एलिसा-रिचर्ड्स जैसे खिलाड़ी दोनों खेल प्रोफेशनल स्तर पर आजमा चुके हैं

अर्जेंटीना के नोट पर होगी मेसी की तस्वीर:वर्ल्ड कप जीत के बाद सरकार तैयार कर रही है योजना