कोरोना के बाद खेल की शुरुआत धीरे-धीरे हो, खिलाड़ियों को मैदान पर वापस आने के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए: गगन नारंग

कोरोना के बाद खेल की शुरुआत धीरे-धीरे हो, खिलाड़ियों को मैदान पर वापस आने के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए: गगन नारंग
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ओलिंपिक शूटर गगन नारंग ने कहा कि कोरोनावायरस के बाद खेलों की शुरुआत धीरे-धीरे होनी चाहिए। 2012 लंदन ओलिंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट नारंग ने कहा कि इस समय खिलाड़ियों पर दबाव होगा। ऐसे में उन्हें मैदान पर आने के लिए जोर नहीं देना चाहिए। उनके लिए भावनाओं को बैलेंस करना आसान नहीं होगा। कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स के लिए वापसी मुश्किल होगी।

कोरोनावायरस के बीच नारंग लगातार खिलाड़ियों से बात कर रहे हैं। वे गन फॉर ग्लोरी शूटिंग एकेडमी भी चलाते हैं। नारंग ने दैनिक भास्कर से कहा...

  • ओलंपिक में 15 शूटर्स ने क्वालिफाई किया है। किनसे मेडल की उम्मीद है?

नारंग: टोक्यो ओलिंपिक के लिए जिन खिलाड़ियों ने क्वालिफाई किया है, उनमें से अधिकतर युवा हैं। हर खिलाड़ी में मेडल जीतने की काबिलियत है। हमारी एकेडमी में ज्यादातर युवा खिलाड़ी हैं। हम 2024 ओलिंपिक को ध्यान में रखकर तैयारियां कर रहे हैं। इसलिए हमें अभी इंतजार करना होगा।

  • खेल मंत्रालय ने स्टेडियम खोलने का फैसला कर क्या सही कदम उठाया है या इंतजार करना चाहिए था?

नारंग: स्टेडियम और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स खोलने के फैसले को अलग-अलग नजरिए से देखना होगा। पिछले चार दिन से लगातार 6 हजार से ज्यादा कोविड-19 के केस आ रहे हैं। इसलिए खेलों की शुरुआत धीरे-धीरे करनी चाहिए। किसी खिलाड़ी को साई सेंटर में आने के लिए दबाव नहीं डाला जाना चाहिए। देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले खिलाड़ियों के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है।

  • लॉकडाउन के बाद खिलाड़ी मैदान पर लौटने लगे हैं। किस तरह खेलों का परिदृश्य बदलेगा?

नारंग: अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि कितना बदलाव आएगा। लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजेशन जैसे चीजें अब जरूरी हो जाएंगी। कोविड-19 का डर हमेशा दिमाग पर रहेगा। खिलाड़ियों को भावनाओं को बैलेंस करना होगा, हालांकि यह आसान नहीं रहने वाला। नॉन कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स में चीजें फिर भी आसान होंगी। लेकिन कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स के लिए काफी मुश्किल होने वाली है।

  • शूटिंग नॉन-कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स है। फिर भी नेशनल में हजारों खिलाड़ी उतरते हैं। आयोजन कैसे संभव होगा?

नारंग: हम अभी ट्रेनिंग शुरुआत करने में लगे हैं। एक बार हम ट्रेनिंग का प्लान बना लेंगे, उसके बाद टूर्नामेंट के बारे में सोचेंगे। टूर्नामेंट के बारे में तो अभी से प्लान बनाना जल्दबाजी होगी। इस कठिन समय में खेल मंत्रालय और खेल फेडरेशन को खिलाड़ियों की मदद करनी चाहिए। जो भी एडवाइजरी जारी हो, उससे खिलाड़ियों को समय-समय पर अपडेट किया जाता रहे। खिलाड़ियों को तैयारियों के लिए फंड की कमी नहीं होनी चाहिए। उनसे लगातार बातचीत करके कोच और पुराने खिलाड़ी उत्साह बढ़ा सकते हैं।

  • ओलंपिक एक साल के लिए टाल दिया गया। तैयारी कर रहे खिलाड़ी के लिए यह कितना मुश्किल समय है?

नारंग: ओलिंपिक एथलीट के लिए यह समय बहुत ही हतोत्साहित करने वाला है। खिलाड़ी जब लॉकडाउन से बाहर निकलेंगे तो उन्हें नए सिरे से तैयारियों में जुटना पड़ेगा। कुछ खिलाड़ी आइसोलेशन के दौरान ट्रेनिंग में व्यस्त थे, लेकिन हर कोई ऐसा नहीं कर सका। जब तक इस महामारी के केस कम नहीं होते भविष्य के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता। खिलाड़ियों को खुद को मोटिवेट करना होगा और अपनी क्षमता पर विश्वास करना होगा।



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2012 लंदन ओलिंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट गगन नारंग ने कहा- इस समय खिलाड़ियों पर दबाव होगा। उनके लिए भावनाओं को बैलेंस करना आसान नहीं होगा। -फाइल फोटो

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