मास्टर ब्लास्टर तेंदुलकर ने कहा- डिफेंसिव की जगह फ्रंट फुट पर खेलें, फील्डिंग भी सुधारे टीम इंडिया

मास्टर ब्लास्टर तेंदुलकर ने कहा- डिफेंसिव की जगह फ्रंट फुट पर खेलें, फील्डिंग भी सुधारे टीम इंडिया
Dainik Bhaskar
https://ift.tt/38qYgt2

4 मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 8 विकेट से करारी शिकस्त दी। पहले टेस्ट में मिली हार के बाद सचिन तेंदुलकर ने कहा कि भारतीय टीम को निश्चित तौर पर अपनी फील्डिंग सुधारने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'कैच ही मैच जिताते हैं। यह हम सब जानते हैं। हमें कैच ड्रॉप नहीं करना चाहिए। फील्डिंग में सुधार की जरूरत है।'

सचिन ने साथ ही भारतीय बल्लेबाजों को डिफेंसिव होने की बजाय फ्रंट फुट पर खेलने की सलाह दी है। बता दें कि भारत ने पहले टेस्ट की पहली पारी में 6 कैच ड्रॉप किए थे। इसमें मार्नस लाबुशाने के 3 और टिम पेन का एक कैच शामिल था। इसके खामियाजा टीम को हार के रूप में भुगतना पड़ा।

भारतीय बल्लेबाजों के फुटवर्क में कमी दिखी

सचिन ने कहा, पहली पारी में हमने अच्छी बल्लेबाजी की। 244 रन एडिलेड के विकेट पर अच्छा टोटल था। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया को 200 रन के अंदर समेटना भी शानदार रहा। लेकिन हम दूसरी पारी में यही चीज नहीं दोहरा सके। दूसरे दिन भारत की दूसरी पारी में मयंक अग्रवाल और जसप्रीत बुमराह नाबाद पवेलियन लौटे। तीसरे दिन मुझे भारतीय बल्लेबाजों के फुटवर्क में कमी दिखी। टीम इंडिया के बल्लेबाज फ्रंट फुट की बजाय, हाफ फुट फ्रंट और हाफ फुट डिफेंस (एक पैर बाहर और एक पैर क्रीज के अंदर) में खेल रहे थे।

फ्रंट फुट पर खेलने से स्विंग को रोका जा सकता है

सचिन ने कहा, 'ऑस्ट्रेलियाई पिच पर जरूरी है कि बल्लेबाज फ्रंट फुट पर खेले। अगर आप डिफेंसिव होकर खेलेंगे, तो आप दूर से ही बॉल को हिट करना चाहेंगे और इससे बैट का किनारा लगने का डर होता है। वहीं, अगर आप फ्रंट फुट पर और हाथ और पैड के बीच के गैप को कम रखोगे, तो आप बॉल की स्विंग को रोक सकते हैं।'

खराब गेंदों पर विकेट नहीं गंवा सकते

सचिन ने कहा, 'मयंक और पृथ्वी को छोड़कर सभी खिलाड़ी प्रेशर में खेल चुके हैं। विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा और ऋद्धिमान साहा काफी समय से टीम में हैं। इन्होंने इस मैच में भी प्रेशर को काफी अच्छा हैंडल किया, लेकिन कभी-कभी आपको लक की भी जरूरत होती है।'

उन्होंने कहा, 'कई बार ऐसा होता है कि बैट्समैन स्विंग वाली बॉल नहीं खेल पाते हैं, लेकिन फिर भी वे हिम्मत नहीं हारते। भारतीय टीम में इस चीज की कमी दिखी। आप गेंदबाज को एक औसत बॉल पर विकेट नहीं दे सकते। इससे आप सामने वाली टीम पर प्रेशर नहीं डाल सकते। अच्छे गेंद का सम्मान जरूर होना चाहिए। मुझे लगता है कि एडिलेड में 275-280 रन का सही होता।'

भारत को वनडे सीरीज के बाद टेस्ट सीरीज खेलना चाहिए था

सचिन ने कहा, 'मुझे लगता है कि भारत को पहले टी-20 सीरीज खेलना चाहिए था। ऐसा इसलिए क्योंकि टीम ने फरवरी से कोई टेस्ट नहीं खेला है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी-20 सीरीज, फिर वनडे सीरीज और आखिरी में टेस्ट सीरीज होना चाहिए था। वहीं, आखिरी वनडे पिंक बॉल से होना चाहिए था। इससे भारतीय टीम को टेस्ट फॉर्मेट में ढलने में मदद मिलती।' सचिन ने 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। उन्होंने 200 टेस्ट में 53.79 की औसत से 15,921 रन बनाए।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
सचिन ने 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया था। उन्होंने 200 टेस्ट में 53.79 की औसत से 15,921 रन बनाए। (फाइल फोटो)

Comments

Popular posts from this blog

मोहम्मद सिराज के मुरीद सलमान बट:पाकिस्तानी क्रिकेटर ने कहा- सिराज की बॉडी लैंग्वेज और एग्रेशन दूसरे गेंदबाजों से कहीं बेहतर, इससे भारत को मजबूती मिली

क्रिकेट-फुटबॉल के ऑलराउंडर खिलाड़ी:एलिसा-रिचर्ड्स जैसे खिलाड़ी दोनों खेल प्रोफेशनल स्तर पर आजमा चुके हैं

अर्जेंटीना के नोट पर होगी मेसी की तस्वीर:वर्ल्ड कप जीत के बाद सरकार तैयार कर रही है योजना