32 साल की हंपी ने मां बनने के कारण दो साल का ब्रेक लिया था, पिछले साल वापसी की और अब पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बन गईं

32 साल की हंपी ने मां बनने के कारण दो साल का ब्रेक लिया था, पिछले साल वापसी की और अब पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बन गईं
Dainik Bhaskar
https://ift.tt/37lH3il

मॉस्को. 1997 में वर्ल्ड अंडर-10 चैंपियन। 1998 में वर्ल्ड गर्ल्स अंडर-10 और अंडर-12 चैंपियन। 1999 में एशिया की सबसे युवा महिला इंटरनेशनल मास्टर। 2000 में एशियन गर्ल्स अंडर-20 चैंपियन। 2001 में वर्ल्ड गर्ल्स अंडर-14 चैंपियन। 2001 में वर्ल्ड गर्ल्स अंडर-20 चैंपियन। 2000 में ब्रिटिश लेडीज चैंपियनशिप जीतने वाली सबसे युवा, 2002 में एक बार फिर ब्रिटिश लेडीज टाइटल। 2001 में एशिया की सबसे युवा महिला ग्रैंड मास्टर। 2002 में 15 साल 1 महीने, 27 दिन की उम्र में सबसे युवा ग्रैंड मास्टर चैंपियन। 2003 में अर्जुन अवॉर्ड, 2007 में पद्मश्री अौर 2019 में वर्ल्ड रैपिड चैंपियन। ये सारी उपलब्धियां भारत की चेस ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी की हैं।

उन्होंने शनिवार रात मॉस्को के लुझनिकी स्टेडियम के वीआईपी जोन में चीन की 22 साल की लेई तिंगजी को हराकर फीडे वर्ल्ड रैपिड चैंपियनशिप जीती। वे भारत की शतरंज में पहली महिला वर्ल्ड चैंपियन हैं। 32 साल की हंपी ने 12 राउंड के रैपिड इवेंट में 7 राउंड जीते। उन्होंने चीन की खिलाड़ी को प्लेऑफ में हराकर गोल्ड जीता। भारत की एक अन्य ग्रैंड मास्टर द्रोणावल्ली हरिका 13वें नंबर पर रहीं। हंपी रैपिड वर्ल्ड टाइटल जीतने वाली विश्वनाथन अानंद के बाद दूसरी भारतीय हैं। आनंद 2017 में चैंपियन बने थे।


हंपी नेशनल बॉयज टाइटल जीतने वाली पहली भारतीय महिला थीं
हंपी सिर्फ भारतीय शतरंज नहीं बल्कि पूरी दुनिया में चर्चित नाम हैं। वे ग्रैंड मास्टर बनने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं। वे 2600 ईएलओ पॉइंट हासिल करने वाली सिर्फ दूसरी महिला खिलाड़ी हैं। पिता अशोक कोनेरू ने बेटी की असाधारण प्रतिभा, एकाग्रता और शतरंज में दिलचस्पी को 5 साल की उम्र में ही पहचान लिया था। अशोक भी शतरंज खेलते थे। उन्होंने हंपी को ट्रेनिंग देना शुरू किया। वे काफी तेजी से सीख रहीं थीं। कुछ समय बाद हंपी का सिर्फ एक लक्ष्य रह गया था पिता को शतरंज में हराना। अशोक प्रोफेसर थे। बेटी के शतरंज के सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और हंपी को ट्रेनिंग देने लगे। 6 और 7 साल की उम्र में हंपी ने स्टेट चैंपियनशिप जीत ली। इसके बाद अंडर-12, 14, 16 की नेशनल चैंपियन बन गईं।

नेशनल बाॅयज टाइटल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी थीं
हंपी ने 13 साल की उम्र में नेशनल चिल्ड्रंस चैंपियनशिप में अंडर-14 बॉयज टाइटल जीता था। वे नेशनल बाॅयज टाइटल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी थीं। तब उनके प्रदर्शन को कई बड़े खिलाड़ियों ने सराहा था। अशोक बताते हैं, 'हंपी ने 12 की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर और 15 की उम्र में ग्रैंड मास्टर टाइटल जीत लिया। 2009 में 2623 ईएलओ रेटिंग तक पहुंच गईं। 2014 में शादी की और दो साल पहले प्रेगनेंट होने पर ब्रेक लिया था। पिछले साल ओलिंपियाड के लिए उन्होंने वापसी की थी और वापसी के एक साल बाद वर्ल्ड चैंपियन बन गईं।

हंपी ओएनजीसी में चीफ मैनेजर हैं
वर्तमान में वह ओएनजीसी में चीफ मैनेजर हैं जबकि उनके पति सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत हैं। हंपी जब ब्रेक पर थीं, तब उन्होंने कहा था कि शतरंज के बिना उनकी जिंदगी ज्यादा हेक्टिक है। वे जल्द से जल्द वापसी करना चाहती हैं। उन्होंने पिछले साल भी फीडे महिला वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। अब वर्ल्ड चैंपियन बनकर उन्होंने शानदार वापसी की है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
2012 में हंपी ने वर्ल्ड रैपिड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीता था।

Comments

Popular posts from this blog

मोहम्मद सिराज के मुरीद सलमान बट:पाकिस्तानी क्रिकेटर ने कहा- सिराज की बॉडी लैंग्वेज और एग्रेशन दूसरे गेंदबाजों से कहीं बेहतर, इससे भारत को मजबूती मिली

क्रिकेट-फुटबॉल के ऑलराउंडर खिलाड़ी:एलिसा-रिचर्ड्स जैसे खिलाड़ी दोनों खेल प्रोफेशनल स्तर पर आजमा चुके हैं

अर्जेंटीना के नोट पर होगी मेसी की तस्वीर:वर्ल्ड कप जीत के बाद सरकार तैयार कर रही है योजना