यूनिवर्सिटी पेपर में जाकिर नाइक पर सवाल का विरोध, धर्मगुरू बोले- वो छात्रों की सोच को जहरीला बना देगा

यूनिवर्सिटी पेपर में जाकिर नाइक पर सवाल का विरोध, धर्मगुरू बोले- वो छात्रों की सोच को जहरीला बना देगा
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कुआलालम्पुर. भारत के भगोड़े जाकिर नाइक पर यूनिवर्सिटी क्वेश्चन पेपर में पूछे गए सवाल पर बवाल बढ़ता जा रहा है। मलेशिया सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने कहा- यह यूनिवर्सिटी का आंतरिक मामला है। उन्हें स्वायत्ता प्राप्त है और वो अपने यहां शिक्षा का स्तर निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं। दूसरी तरफ, स्थानीय धार्मिक गुरू यूनिवर्सिटी की आलोचना कर रहे हैं। पेनांग के प्रभावशाली मुफ्ती ने कहा- नाइक छात्रों की सोच को जहरीला बना सकता है। वहीं, यूनिवर्सिटी ने कहा- हम मामले की बारीकी से जांच करा रहे हैं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

सवाल पर बवाल
कुछ दिनों पहले ‘यूनिवर्सिटी मलेशिया पर्लिश’ (यूएनआईएमएपी) में परीक्षाएं आयोजित की गईं। एक प्रश्नपत्र में जाकिर को इस्लामिक आदर्श बताते हुए सवाल पूछा गया। चार विकल्पों में से उत्तर देना था। विवाद यहीं से शुरू हुआ। सत्तारूढ़ पार्टी समेत कई सियासी दलों ने इसका विरोध किया। विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बढ़ा तो उसने बयान जारी किया। कहा, “हमारे यहां विभिन्न संस्कृतियों के छात्र हैं। हम मानते हैं कि यह बेहद संवेदनशील विषय है। मामले की गहन जांच की जा रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच के बाद विस्तार से जानकारी देंगे।”

धर्मगुरू भी नाइक के खिलाफ
पेनांग द्वीप के मुफ्ती सेरी वान सलीम वान मोहम्मद नूर ने यूनिवर्सिटी की हरकत पर सख्त ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि जाकिर जैसे लोगों को किसी भी सिलेबस में कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए। मुफ्ती ने सोमवार को जारी बयान में कहा, “उच्च शिक्षण संस्थाओं की जिम्मेदारी है कि वो समाज को जोड़ें। उनमें विघटन न कराएं। भारत के भगोड़े जाकिर नाइक को सिलेबस में शामिल नहीं किया जा सकता। वो छात्रों की सोच को जहरीला बना देगा और इससे समुदायों के बीच नफरत बढ़ेगी। उच्च शिक्षा मंत्रालय की यह जिम्मेदारी कि वो तमाम सिलेबस को ध्यान से देखे और फिर उन्हें मंजूरी दे।”

तीन साल से मलेशिया में है नाइक
जाकिर भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोपी है। 2016 में वह भारत से भागकर मलेशिया चला गया। जाकिर के प्रत्यर्पण के लिए भारत लगातार मलेशिया के संपर्क में है और उसे वापस लाने के लिए कई बार मलेशिया से मांग कर चुका है। हालांकि, मलेशियाई सरकार ने अब तक सकारात्मक उत्तर नहीं दिया। यहां के मानव संसाधन विकास मंत्री एम. कुलसेगरन ने कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से अपील में कहा था कि जाकिर को भारत के हवाले कर देना चाहिए।



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जाकिर नाइक 2016 में भारत से भाग गया था। कई देशों से होते हुए वो मलेशिया पहुंचा था। (फाइल)

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